Thursday, 19 July 2012

25 प्रतिशत

आर टी ई याने 6 से 14 साल के सभी बच्चो को निशुल्क शिक्षा, बच्चा ग्रामीण हो या शहर का  या किसी गरीब का। तो आर टी ई से  सब बच्चो को शिक्षा मिलेगी यह तो पक्का हो गया, अब सवाल यह हे की आर टी ई को लागु कैसे किया जाए क्योकि आर टी ई को सरकार ने हमारी झोली में डाल तो दिया है पर बहुत सी कमी के साथ, अभी हल का बेगलोर का उदा. है की निजी स्कूल में जो वंचित परिवार के बच्चो को 25 प्रतिशत आरक्षण के तहत प्रवेश दिया गया था उन बच्चो के बाल कट दिए गए ताकि बे सब से अलग दिखाई दे.यह तो एक उदा . है इस आरक्षण के तहत कोई बच्चो को बेज्जती का शिकार होना पड़ा, इन बच्चो के साथ भेदभाव किया जाता है और तरह तरह से परेशां किया जाता है कुछ बच्चे तो अपने घर बता पाते  है शायद कुछ न बता पाते  होगे और निजी स्कूलभी नही चाहता की ये गरीब बच्चे हमारी स्कूल में पढ़े उन सभी बच्चो की बजह से स्कूल में पढ़ने वाले आमिर लोग अपने बच्चे का नाम नही लिखायेगे जिसका असर सीधा स्कूल पर होगा।
माता पिता अपने बच्चो को बहुत से सपने लिए बड़े स्कूल में प्रवेश दिलाते है पर जब भेदभाव की बात पता चलती है तो उनके सपने टूट जाते है। आये दिन बच्चो के साथ भेदभाव की बात सामने  है मगर फिर भी लोग अपने बच्चे को निजी स्कूल में प्रवेश दिलाने के लिए हर प्रयास करते है कारण सरकारी स्कूल में पढाई ठीक नही, शिक्षक नही भवन नही, तो सरकारी स्कूल में न पढ़ने के बहुत से कारण बता दिए जाते है। मगर सरकरी स्कूल में क्या कमी है उसे पूरी करने में आगे नही आयेगे, सरकार भी क्यों चाहेगी की स्कूल ठीक हो उन्हें क्या पड़ी है कोन से उनके बच्चे  सरकारी स्कूल में पढ़ते है जो उन्हें चिंता हो।  25 प्रतिशत के पीछे सभी भाग रहे है मगर सरकारी स्कूल कैसे ठीक हो यह कोई नही सोचता।   

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